मां की जिद के आगे झुककर घुटने टेकना, पहला आरोप रद्द करने के बाद बच्चा वापस मिला
बोर। कहते हैं न झूठ का एक न एक दिन अंत जरूर होता है ऐसा ही कुछ देखने को मिला शहर में रहने वाले एक दंपती के साथ। अपनों द्वारा संपत्ति के लालच में लांछित मामले में फसाकर गोद के लिए बच्चे को मां से अलग किया ताकि संपत्ति उसके नाम न की जा सके। मगर मां ने एक भी हार नहीं मानी और आखिरकार केस जीतकर अपना गोद लिए बच्चा वापस ले आया।
पूरे मामले की शुरुआत सुधा तिवारी से होती है जिसने पांच साल पहले बच्चा गोद लिया था। बच्चा भी अपने नए घर में बेहद खुश था और दोनों दंपती ने अपनी पूरी संपत्ति उसके नाम करने का विचार बनाया तो यह बात सुधा की बहन को हजम नहीं हुई और उसने गोद लिए बच्चे को घर से बाहर जोखिम की ठान ली। इसमें उसकी बेटी ने अपनी ही मौसी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई करवा दीदी ताकि बच्चे की जगह उसे संपत्ति मिल जाए।
गोरा करने का झूठा इलजाम लगाया
सुधा तिवारी के खिलाफ उसकी बहन की लड़की ने अप्रैल 2018 में यह इल्जाम लगाया था कि मेरी मौसी ने जिस बच्चे को गोद लिया था उन्हें उसका सांवला रंग पसंद नहीं था और अपने सांवले बच्चे को गोरा करने के लिए उसने हाथ को पत्थर से घिसती है। इस मामले में अभिग्रहण केंद्र ने तुरंत कार्रवाई कर बच्चे को एसओएस बालग्राम भेज दिया था और सुधा के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के मामले में मामला दर्ज किया था।
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मामले को व्यवस्थित में लग गया पांच साल का समय
इस पूरे मामले को बनाने में लगभग पांच साल का समय लगा। जिसे बहन की बेटी ने हाथ को पत्थर से घिसना बताया था था जांच के बाद बाल कल्याण समिति ने बताया कि असल में बच्चों के हाथों को गोरा करने के लिए उन्हें पत्थर से नहीं घिसा गया था बल्कि उसके हाथों में किसी ओर क्रीम था लोशन का रिएक्शन हुआ . मामले में बाल कल्याण समिति के सदस्य राजीव जैन ने कहा कि, यह पूरा मामला संपत्ति विवाद का था जिसमें दंपती पर झूठ इलजाम लगाया गया था।
बच्चे से अलग होने के बाद भी मुलाकात हुई थी
जब माँ और बच्चे के संबंधों के बारे में एसओएस बालग्राम के समन्वयक विपिन दास ने बताया कि, वह अक्सर अपने पति के साथ बच्चे से मिलने एसओएस बालग्राम आती है और उसके साथ काफी समय साथ बिताती थी। दोनों के बीच संबंध भी अच्छे थे। उसी के साथ कोर्ट में भी बच्चे ने मां बाप के साथ जाने की जिद को देखते हुए कोर्ट ने दोहरा एडॉप्शन दिया। आपको बता दे कि शादी के 10 साल बाद भी जब दंपती को अनहोनी नहीं हुई तो दोनों पति-पत्नी ने बच्चे गोद लेने का फैसला किया था। जिसके बाद उन्होंने साल 2017 में 3 साल के बच्चे को एसओएस बालग्राम से गोद लिया था।
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पहले प्रकाशित : 25 जनवरी, 2023, 11:28 IST
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