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सरकार ने कहा है कि मेटावर्स जैसी प्रौद्योगिकियों को विनियमित करने का उसका कोई इरादा नहीं है
सरकार ने कहा है कि मेटावर्स या वेब 3.0 पर कोई नियम लागू करने की उसकी कोई योजना नहीं है, क्योंकि ये प्रौद्योगिकियां अभी भी विकसित हो रही हैं। यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में एक सवाल के जवाब में दी।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि वे उभरती नई तकनीकों के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचैन, ड्रोन, ऑगमेंटेड रियलिटी, मेटावर्स और वेब 3.0 जैसी तकनीकों के तेजी से प्रसार से अवगत हैं।
उन्होंने आगे कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन पर सरकार द्वारा पहले ही राष्ट्रीय रणनीति तैयार की जा चुकी है।
इसके अलावा, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 देश में प्रौद्योगिकी क्षेत्र को कवर करता है, और इसलिए सरकार ऐसे विकसित क्षेत्रों को विनियमित करने का इरादा नहीं रखती है।
मेटावर्स क्या है?
मेटावर्स सामाजिक कनेक्शन पर केंद्रित 3डी आभासी दुनिया का एक नेटवर्क है। भविष्यवाद और विज्ञान कथा में, इसे अक्सर एक एकल, सार्वभौमिक आभासी दुनिया के रूप में इंटरनेट के एक काल्पनिक पुनरावृत्ति के रूप में वर्णित किया जाता है जो आभासी और संवर्धित वास्तविकता हेडसेट के उपयोग से सुगम होता है।
ऑनलाइन वीडियो गेम में मेटावर्स तकनीक के घटक पहले ही विकसित किए जा चुके हैं।
वेब 3.0 क्या है?
वेब 3.0 ब्लॉकचैन प्रौद्योगिकी पर आधारित वर्ल्ड वाइड वेब (www) के एक नए पुनरावृत्ति के लिए एक विचार है, जिसमें विकेंद्रीकरण और टोकन-आधारित अर्थशास्त्र जैसी अवधारणाएं शामिल हैं।
यह शब्द 2014 में एथेरियम के सह-संस्थापक गेविन वुड द्वारा गढ़ा गया था, और इस विचार ने 2021 में क्रिप्टोक्यूरेंसी उत्साही, बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों और उद्यम पूंजी फर्मों से रुचि प्राप्त की।
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